असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने भारत में बैठकर पाकिस्तान की पैरवी करने वालों की जमकर फटकार लगाई है। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि, भारत की आजादी का आनंद लेते हुए पाकिस्तान की पैरवी करना आदर्शवाद नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि, पड़ोसी देश में भारत की पैरवी बर्दाश्त नहीं की जाती, हमारे यहां फिर भी इसे बर्दाश्त किया जाता है, उस पर बहस की जाती है।
पाकिस्तान में भारत के साथ शांति की बात करना अपराध
सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया साइट 'एक्स' पर लिखा - भारत में जो लोग जमीनी हकीकत को समझे बिना अमन की आशा का उपदेश देते रहते हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए- पाकिस्तान में भारत के साथ शांति की बात करना अपराध माना जाता है। भारत में पाकिस्तान के साथ शांति की बात करना बर्दाश्त किया जाता है।
पाकिस्तान के बारे में प्यार भरी बातें करना आदर्शवाद नहीं है
इसके साथ ही उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे कहा कि, इस पर बहस होती है, यहां तक कि मुख्यधारा के मंचों पर इसे बढ़ावा भी दिया जाता है। भारत की आजादी का आनंद लेते हुए पाकिस्तान के बारे में प्यार भरी बातें करना आदर्शवाद नहीं है। यह अज्ञानता है। यह पाखंड है और अपनी मातृभूमि के साथ विश्वासघात है।
पाकिस्तान का नापाक चेहर भी उजागर किया
इस पोस्ट में द्वारा असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने पाकिस्तान का नापाक चेहर भी उजागर किया। सरमा ने बताया कि, पाकिस्तान भारत समर्थक लोगों के साथ कैसा बर्ताव करता है। उनकी आवाज को कैसे दबाता है। उनके खिलाफ कैसे-कैसे षडयंत्र रचता है।
असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने x पर लिखा...
निगरानी और प्रोफाइलिंग
भारत समर्थक भावना वाले हर पोस्ट, ट्वीट या लेख पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों खास तौर पर आईएसआई की नजर होती है। छात्रों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को नियमित रूप से निगरानी सूची में रखा जाता है।
सेंसरशिप और टेकडाउन
पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (PTA) सक्रिय रूप से भारत की पैरवी वाली सामग्री को ब्लॉक या हटा देता है। शांति या संवाद को बढ़ावा देने वाले हैशटैग भी बिना किसी स्पष्टीकरण के मिटा दिए जाते हैं।
कानूनी धमकी
पाकिस्तान के कठोर साइबर अपराध कानून (PECA) के तहत भारत समर्थक किसी भी चीज को व्यक्त करने के लिए लोगों को गिरफ्तार किया जाता है। देश विरोधी और दुश्मन का महिमामंडन जैसे अस्पष्ट आरोपों का इस्तेमाल तर्क की आवाजों को चुप कराने के लिए किया जाता है।
गिरफ्तारी और यातना
नागरिकों को खुफिया एजेंसियों की ओर से उठाया जाता है। प्रताड़ित किया जाता है। बिना किसी सुनवाई के जेल में डाल दिया जाता है। अक्सर किसी कविता, शांति अपील या संतुलित लेख जैसी हानिरहित चीज के लिए भी यातनाएं दी जाती हैं।
जबरन गायब होना
दर्जनों लोग खास तौर पर बलूच, पश्तून और सिंधी कार्यकर्ता भारत के लिए समर्थन व्यक्त करने या पाकिस्तान की सैन्य ताकतों को चुनौती देने के लिए बिना किसी सुराग के गायब हो गए। परिवार सालों तक इंतजार करते हैं, कोई जवाब नहीं और कोई न्याय नहीं।
सामाजिक बहिष्कार और धमकियां
जो लोग शांति की बात करते हैं या भारत की उपलब्धियों को स्वीकार करते हैं, उन्हें बहिष्कृत कर दिया जाता है। देशद्रोही करार दिया जाता है। अक्सर चरमपंथी तत्वों द्वारा धमकाया जाता है।